Saturday, 14 April 2012

                                 एक बार राधा ने श्री कृष्ण से पूछा की हे कृष्ण  तुम प्रेम तो मुझ से कर्तेह हो परन्तु
तुम ने विवाह मुझ से नही किया ऐसा क्यों ? मै अच्छे से जानती हूं तुम
साक्षात भगवान ही हो  और तुम कुछ भी कर सकते हों ,भग्य का लिखा
बदलने में तुम सक्षम हों ,फिर भीतुमने रुकमणी से शादी की ,मुझ से नही
 राधा की यह बात सुनकर श्रीक्रष्ण ने उत्तर दिया -हे राधे विवाह दो लोगों के
 बिच होता है विवाह के लिए दो अलग - अलग व्यक्तियों की आवश्यकता होती है .
 तुम मुझे यह बताओ राधा और कृष्ण में दूसरा कोंन है..हम तो एक ही है
 हम तो एक ही है फिर हमे विवाह की क्या आवश्यकता है नि: स्वार्थ प्रेम विवाह बंधन से
 अधिक महान और पवित्र होता है..इसलिए राधा कृष्ण नि: स्वार्थ प्रेम की
 प्रतिमूर्ति है और सदैव पूजनीय है !            

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