Monday, 23 April 2012

भगवान तो दर्शन देने के लिए तैयार  हैं ,लेकिन हम ही उनके स्वागत के लिए तैयार नहीं होते ! भगवान् कहते हैं -बैठू कहाँ तेरे आँगन में तो तुमने वहां गैर बैठा रखे हैं 

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