परमात्मा जो करता है वो ठीक ही करता बे ठीक कुछ भी नही
जैसे की हम सभी जानते है की जब्भी सोतेली माँ मी बात आती है
तो हम केकयी का ही नाम लेते है की सोतेली माँ ने तो भगवान को भी नहीं बक्सा
पर सही कहे तो केकयी जैसी माँ ना तो आज तक हुए है
और नाही होंगी इस जगमे सभी यस चाहते है पर कु यस कोई नही चाहता
एक केकयी ऐसी माता थी जिसने अन गिनत बद्दुवाए गालिया सई
यहाँ तक की उनके बेटे भरत ने भी उनको कुल्टा कुलक्षणी अन्य प्रकार से उनको कोष
जबकि भगवान श्री राम तो केकयी माँ को अपने प्राणों से भी प्रिय थे ..
जब राजा दसरथ जी ने भगवान श्री राम के राज तिलक की घोषणा की और
जब ये बात सभी अयोध्या वासियों ने सुनी की राम जी हमारे राजा बनने जा रहे है
तो सभी खुसी से फुले नही समा रहे थे ..एक तरफ तो अयोध्या में ढोल नगाड़े और
गालिया चोबारे फूलोसे सजाये जा रहे थी ,और दूसरी तरफ सभी देवताओ में शोक छा गया
की ये क्या हो रहा है राजा दसरथ भगवान श्री राम के राज तिलक की तइयार कर रहे है ,
अगर भगवान श्री राम ने अपने पिताकी आज्ञा मानकर राज गद्दी पे बेठ गए तो अनर्थ होजएंगा
जिस काम के लिए नारायण ने एक सादारण नर के रूप में अवतार लिया है वो पूरा केसे होंगा ,
हमे इन राक्षसों से और अत्या चार से मुक्ति केसे मिलेंगी ?
और फिर सभी देवताओ ने सोच बीचार के कहा की अब एसा क्या उपाय किया जाये
जिस से भगवान श्री राम ,राज गद्दी को त्यग कर वन को चले जाये,
फिर सभी देवताओ ने निरणय लिया की ये काम माता सरस्वती कर सकती है
सभी ने नारद जी को आदेस दिया की माँ सरसती जी को बुलाया जाये ,कुछी ही
समय में माँ सरसती देवताओ के बिच उपस्तित हुई ,माँ सरसती ने सभी देवताओ को
प्रणाम कर के कहा की कहिये आज आप सभी देवताओ ने मुझे केसे याद किया
जब वहा सभी देवताओ ने कहा की माता ऐसा कुछ कीजिये की राम ,राज गद्दी
को छोड़ वनको चले जाये ,जब ये बात माँ सरस्वती ने सुनी तो उनको बड़ा ही दुःख हुआ
और एक बार तो मान करदिया की ये काम में नही करसकती ,
क्या राम वनके योग्य है ??जब सभी देवताओ ने विष्तार पूर्वक कहा की
केकयी के २ वरदान भी तो बाकि है , तो माता समझ गयी और देवताओ
की आज्ञा का पानल करते हुए ,अयोध्या में एक कुबरा नाम की दासी के मन मस्तिक में
कुबुधि के रूप में छा गयी और दासी कुबरा ,और केकयी ने वोही कहा जो
माँ सरस्वती चाहती माँ ने केकयी की बुधि पूरी तरह से बिगाड़ दीइसलिए जो होता है, वह ठीक ही होता है, बेठीक होता ही नहीं ...
{ जय जय श्री सीताराम }
जैसे की हम सभी जानते है की जब्भी सोतेली माँ मी बात आती है
तो हम केकयी का ही नाम लेते है की सोतेली माँ ने तो भगवान को भी नहीं बक्सा
पर सही कहे तो केकयी जैसी माँ ना तो आज तक हुए है
और नाही होंगी इस जगमे सभी यस चाहते है पर कु यस कोई नही चाहता
एक केकयी ऐसी माता थी जिसने अन गिनत बद्दुवाए गालिया सई
यहाँ तक की उनके बेटे भरत ने भी उनको कुल्टा कुलक्षणी अन्य प्रकार से उनको कोष
जबकि भगवान श्री राम तो केकयी माँ को अपने प्राणों से भी प्रिय थे ..
जब राजा दसरथ जी ने भगवान श्री राम के राज तिलक की घोषणा की और
जब ये बात सभी अयोध्या वासियों ने सुनी की राम जी हमारे राजा बनने जा रहे है
तो सभी खुसी से फुले नही समा रहे थे ..एक तरफ तो अयोध्या में ढोल नगाड़े और
गालिया चोबारे फूलोसे सजाये जा रहे थी ,और दूसरी तरफ सभी देवताओ में शोक छा गया
की ये क्या हो रहा है राजा दसरथ भगवान श्री राम के राज तिलक की तइयार कर रहे है ,
अगर भगवान श्री राम ने अपने पिताकी आज्ञा मानकर राज गद्दी पे बेठ गए तो अनर्थ होजएंगा
जिस काम के लिए नारायण ने एक सादारण नर के रूप में अवतार लिया है वो पूरा केसे होंगा ,
हमे इन राक्षसों से और अत्या चार से मुक्ति केसे मिलेंगी ?
और फिर सभी देवताओ ने सोच बीचार के कहा की अब एसा क्या उपाय किया जाये
जिस से भगवान श्री राम ,राज गद्दी को त्यग कर वन को चले जाये,
फिर सभी देवताओ ने निरणय लिया की ये काम माता सरस्वती कर सकती है
सभी ने नारद जी को आदेस दिया की माँ सरसती जी को बुलाया जाये ,कुछी ही
समय में माँ सरसती देवताओ के बिच उपस्तित हुई ,माँ सरसती ने सभी देवताओ को
प्रणाम कर के कहा की कहिये आज आप सभी देवताओ ने मुझे केसे याद किया
जब वहा सभी देवताओ ने कहा की माता ऐसा कुछ कीजिये की राम ,राज गद्दी
को छोड़ वनको चले जाये ,जब ये बात माँ सरस्वती ने सुनी तो उनको बड़ा ही दुःख हुआ
और एक बार तो मान करदिया की ये काम में नही करसकती ,
क्या राम वनके योग्य है ??जब सभी देवताओ ने विष्तार पूर्वक कहा की
केकयी के २ वरदान भी तो बाकि है , तो माता समझ गयी और देवताओ
की आज्ञा का पानल करते हुए ,अयोध्या में एक कुबरा नाम की दासी के मन मस्तिक में
कुबुधि के रूप में छा गयी और दासी कुबरा ,और केकयी ने वोही कहा जो
माँ सरस्वती चाहती माँ ने केकयी की बुधि पूरी तरह से बिगाड़ दीइसलिए जो होता है, वह ठीक ही होता है, बेठीक होता ही नहीं ...
{ जय जय श्री सीताराम }
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