Friday, 18 January 2013

स्वामी श्री राम सुखदासजी महाराज
भगवान ने मनुष्य की रचना न तो अपने सुखभोग के लिए की है , न उसको भोगो में लगाने के लिए की है और न उस पर शासन करने के लिए की है , प्रत्युत इसलिए की है की वह मेरे से प्रेम करे , मैं उनसे प्रेम करूँ ,वह मेरेको अपना कहे ,मैं उसको अपना कहूँ ,वह मेरे को देखे मैं उसको देखू.... !!

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