Sunday, 25 March 2012

प्रेम नगर की बिच डगर में छोड़ गये गिर धारी..हम को छोड़ गये गिर धारी 
रोवत यमुना कल कल करती तेरत कृष्ण मुरारी 
शरण आये भक्तनको मारो ये क्या रित तुम्हारी ...

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