सुविचार
1 दुसरे के दोष दिखे तो उस से हमे कर्म बंधते है
और खुद के दोस देखे तो कर्मो से मुक्ती हो
{ जय जय श्री राधे }
2 जीवन संध्या तरफ जाते हुए डरना मत
म्रत्यु तो दिन के बाद रात का आराम है ..
{ जय जय श्री राधे }
3 स्वयं को स्वार्थ, संकोच और अंधविश्वास के डिब्बे से बाहर निकालिए,
आपके लिए ज्ञान और विकास के नित-नवीन द्वार खुलते जाएँगे।
{ जय जय श्री राधे }
4 अशान्ति की गन्ध किसमें नहीं होती ?
जो होने में तो प्रसन्न रहता हैं,
किंतु करने में सावधान रहता है।
{ जय जय श्री राधे }
5 संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है और न शत्रु।
तुम्हारे अपने विचार ही शत्रु और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है।
{ जय जय श्री राधे }
6 तप समस्त दोसो को भस्म कर देता है
तपश्च्यर से अतः करन निर्मल होजाता है
{ जय जय श्री राधे }
7 संगीत की सरगम हैं माँ, प्रभु का पूजन हैं माँ
रहना सदा सेवा में माँ के, क्योंकि प्रभु का दर्शन हैं माँ ।
{ जय जय श्री राधे }
No comments :
Post a Comment