एक भक्त बिहारी जी से प्राथना कर रहा है
की हे बिहारी तुम मुझ पे भी कुछ ऐसी कृपा कर
बिहारी ब्रजमे घर मेरा बसालोगे तो क्या होगा
कृपा करके जो व्रन्दावन बुलालोगे तो क्या होगा
कभी तुम सामने आते , कभी फिर दूर हो जाते
हमारे बीचका पर्दा हटा दोगे तो क्या होगा
सुना है तुमने वृन्दावन में दावानल बुझाया था
मेरी विरहा की अग्नि को बुझादोगे तो क्या होगा
तेरा दीदार पाने को तरसती है मेरी नजरे
अगर दासी को चर्णो से लगालोगे तो क्या होगा
तुम अपने होटो की बंसी सुनालोगे तो क्या होगा
बिहारी ब्रजमे में घर मेरा बसालोगे तो क्या होगा
कृपा करके जो व्रन्दावन बुलालोगे तो क्या होगा
हरे कृष्ण हरे कृष्ण ,कृष्ण -कृष्ण हरे हरे....
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