Thursday, 16 August 2012


एक भक्त बिहारी जी से प्राथना कर रहा है 
की हे बिहारी तुम मुझ पे भी कुछ ऐसी कृपा कर 

बिहारी ब्रजमे घर मेरा बसालोगे तो क्या होगा
कृपा करके जो व्रन्दावन बुलालोगे तो क्या होगा

कभी तुम सामने आते , कभी फिर दूर हो जाते
हमारे बीचका पर्दा हटा दोगे तो क्या होगा

सुना है तुमने वृन्दावन में दावानल बुझाया था
मेरी विरहा की अग्नि को बुझादोगे तो क्या होगा

तेरा दीदार पाने को तरसती है मेरी नजरे
अगर दासी को चर्णो से लगालोगे तो क्या होगा

तुम अपने होटो की बंसी सुनालोगे तो क्या होगा
बिहारी ब्रजमे में घर मेरा बसालोगे तो क्या होगा
कृपा करके जो व्रन्दावन बुलालोगे तो क्या होगा
हरे कृष्ण हरे कृष्ण ,कृष्ण -कृष्ण हरे हरे....

No comments :

Post a Comment