कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये
नटवर नन्द किशोर , बसों मेरे मन में तुम चित चोर
रोम रोम में तुम बस जाओ , रखोना खली ठोर
ऐसी प्रीत जगा मेरे मन मे , चित ना लगे कही और
जिस नयनन में तुम बस जाओ , दूजा ना बसे कोई और
चित भी चुराता मन भी चुराता तू ही तो है वो चोर ??
ऐसा जादू चला मन मोहन ,तुही दिखे चाहू और
नटवर नन्द किशोर ,बसों मेरे मन में तुम चित चोर .....
{ जय जय श्री राधे }
No comments :
Post a Comment