निगाहों में यूँ बात होने लगी,
प्यार की ही बरसात होने लगी
प्यार की ही बरसात होने लगी
मेरे होंठो पे बसा श्याम ही श्याम है
कैसे कह दूँ ? उन्ही से हमे काम है
कैसे कह दूँ ? उन्ही से हमे काम है
अब उन्ही से मुलाकात होने लगी
छवि मोहन की नैनो में है बस गयी
छवि मोहन की नैनो में है बस गयी
आँखों में राधारानी है सज गयी
हर पल उनसे ही बात होने लगी
हर पल उनसे ही बात होने लगी
हरिदासी है उल्फत तो वोह पास है
प्यार से मिलता मोहन यही राज है
प्यार से मिलता मोहन यही राज है
दीखता कण कण में ,अब बात होने लगी.....
जय श्री राधे.....
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