Tuesday, 12 June 2012

गोपिया कहती है 
       नसा जरुरी है जिन्दगी के लिए
   पर शराब  ही तो नही बेखुदी के लिए
एक बार कन्हैया की नजरों में डूब के तो देखों
बड़ा हसींन समुन्द्र है खुद खुसी करने के लिए
              जय श्री राधे राधे 

गोपी हँसना छोड़ दे रोने से कर प्रीत
बिन रोये किन पाविया वे प्रेम पियारा मीत
हे गोपी बिना रोये वे श्याम शुन्दर किसको मिले है ?? 

            जय श्री राधे राधे  

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