धर्म कहता है...माँ प्रथ्वी हो न हो तुम्हे भगवान श्री कृष्ण की याद आ रही है......
भगवान श्री कृष्ण अपने धाम चले गए.....कलयुग की छाया पड़ते ही प्रथ्वी माँ श्रीहीन होने लगी..प्रथ्वी व धर्म एक दूजे की कुशलता पूछ ते है..
धर्म प्रथ्वी से पूछता है , कहो कल्याणी कुशल से तो हो न ? तुम्हारा मुख कुछ - कुछ मलिन हो रहा है तुम श्रीहीन हो रही हो , मालुम होता है तुम्हारे ह्दयमे कुछ न कुछ दुःख अवश्य है ! क्या तुम्हारा कोई सम्बन्धी दूर देस में चलागया है ? जिस के लिए तुम इतनी चिंता कर रही हो ?
कही तुम मेरी चिंता तो नहीं कर रहि हो ,की अब इस के तिन पैर टूट गये है ,एक पैर रह गया है ,सम्भव है की तुम अपने लिए शोक कर रही हो की ,अब शुद्र तुम पर सासन करेंगे ..देवी क्या तुम राक्षस सरीखे मनुष्य के द्वारा सताई हुई आरक्षिस स्त्रीयो एव आर्त बल्कोके लिए शोक कर रही हो ? सम्भव है , विद्या अब कुकर्मी ब्राह्मिणो के चंगुल में पड़ गयी है ,और ब्राह्मिन विप्रद्रोही राजाओ की सेवा करने लगे है ,और इसी का तुम्हे दुःख हो रहा है ,आज के राजा नाममात्र के है.........
माँ प्रथ्वी अब समझ में आया की हो न हो तुम्हे भगवान श्री कृष्ण की याद आ रही होंगी ,क्यों की उन्होंने तुम्हारा भार उतरने के लिए ही जन्म लिया था ,और ऐसी लीलाये की थी जो मोक्ष का भी अवलम्बन है ,अब उनकी लीला संवरण करलेने पर उनके परी त्याग से तुम दुखी हो रही हो ,
देवी तुमतो धन रत्नों की खान हो.......
माँ प्रथ्वी ने कहा धर्म मुझसे जो कुछ पूछ रहे हो वह सब तुम स्वय जानते हो इन भगवान के सहारे तुम सारे संसार को सुख पहुचाने वाले अपने चाहो चरणों से युक्त थे जिस में तप, सत्य ,पवित्रता ,सरलता ,दया समां ,त्याग, संतोस ,इत्यादि 24 और भी बहुत से महान गुण उनकी सेवा करने के लिए नित्य निरंतर निवास करते है, एक शरण के लिए भी उनसे अलग नही होते श्री कृष्ण ने इस लोगसे माय अपनी लीला संवरण करली.....
और ये संसार पापमय कलयुग की कु द्रष्टि का सिकार हो गया ,यही देख कर मुझे बड़ा शोक हो रहा है , परन्तु मेरे सोभाग्य का अब अंत हो गया भगवान ने मुझे छोड़ दिया, मालूम होता है की मुझे अपने सोभाग्य पर गर्व हो गया ,इस लिए उन्होंने मुझे ये दंड दिया है ......
धरती माँ प्रत्येक प्राणी का पालन पोसन करती है, पर हम उस माँ के साथ बहुत अन्याय करते है .. इस धरती पर रहने वाला मनुष्य किसी भी प्रकार का पाप करता है तो माँ को बहुत कस्ट होता है, क्या हम इतने ऐसान फरामोश है................. ??
{ जय जय श्री राधे }
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