जपे सब नाम गिरधर का चलन ऐसी चला दो तुम !
काम मद लोभ को त्यागो जीवन सत्संग बना दो तुम !!
अगर हम सभी भाई बहन दृढ़ता के साथ भगवान को अपना स्वीकार कर ले तो इसका महान फल होगा , हमारा जीवन सफल हो जायेगा , इससे हमे बहुत प्रसन्नता होगी , बहुत आनंद मिलेगा इस बात को स्वीकार करने में लाभ ही लाभ है नुकसान कुछ है ही नही !
यह कोई मामूली बात नही है , यह वेदोंका , गीताका ,रामायणका भी सार है !
हो सकता है कि आप मेसे कुछ भाई बहन नही मानें तो भी सच्ची बात सच्ची ही रहेगी , कभी झूठी नही हो सकती ,
अगर आप अपनी तरफ से मान लो , फिर आप के मानने में कोई कमी रहेगी तो उसे भगवान पूरी करेंगे , पर एक बार स्वीकार करके फिर आप इसे छोड़ना मत !
हम भगवान के है यह मानते रहो तो हम अपने आप सुद्ध , निर्मल हो जायेंगे , जो लोहेको सोना बना दे , उस पारस से भी भगवान कमजोर है क्या ? भगवान के सम्बन्ध से जैसी शुद्धि होती है वैसी अपने उद्योग से नही होती , वर्षो तक सतसंग करने से जो लाभ नही होता , वह भगवान को अपना मान लेनेसे एक दिन में हो जाता है,,,,,,,,!!
{ जय जय श्री राधे }
No comments :
Post a Comment