Monday, 18 November 2013


सत्संग सच्चा साथी सबका कुसंग कुछ दिन रहसी
मत भटको कुसंग में सज्जनों सत्संग ही पार लगासी 


भगवान को अपना मानना , भगवान को याद रखना ही सत्संग है
भगवान के सिवाय किसी को अपना मानना , भगवान के सिवाय कुछ याद रखना ही कुसंग है।
भगवान का संग सत्संग है संसार का संग ही कुसंग है इसलिए
मन में ऐसा भाव बना लो की हम भगवानके है और एक भगवान ही हमारे अपने
 है सबकी सेवा बड़े प्रेम से करो मगर प्रेम सिर्फ भगवान से हो , इससे बड़ा और कोई सत्संग नही है !!
    { जय जय श्री राधे }


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