Tuesday, 5 February 2013

स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज
अब हमे परमात्मा की प्राप्ति ही करनी है
हमे इस मार्ग पर ही चलना है ऐसा अटल निश्चय हो जाय ,लोग निंदा करे या स्तुति करे, धन आ जाय या चला जाय ,सरीर ठीक रहे या बीमार हो जाय ,हम जीते रहे या मर जायँ पर हम इस बात पर अडिग रहेंगे ! इस तरह "मैं -पनमें यह भाव कर लिया जाय की में तो केवल पारमार्थिक साधक हूँ तो फिर साधन अपने आप होगा.....
जय श्री कृष्ण —

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